स्वतंत्रता दिवस शायरी कविता/Swatantrata Diwas Shayari Kavita

राष्ट्रीय त्योहार 74वां स्वतंत्रता दिवस

हमारे राष्ट्रीय त्योहार 74 वां स्वतंत्रता दिवस समारोह आने वाला है, स्वतंत्रता दिवस का इंतजार हर एक भारतवासी पूरे साल बड़ी बेसब्री से करते हैं। 15 अगस्त 1947 को कई आंदोलन और लड़ाइयां लड़ने के बाद हमारा देश भारत अंग्रेजी हुकूमतो से स्वतंत्र हुआ। इसी स्वतंत्रता के लिए लड़ाईया और आंदोलनों में हमारे देशप्रेमियों ने असंख्य कुर्बानी और बलिदान दिए हैं, हंसते-हंसते फांसी तक चढ़ गए, ना जाने कितने स्वतंत्रता सेनानीयो के प्रयासों के बाद हमारा देश भारत आजाद हुआ। इस बार 15 अगस्त 2020 शनिवार को पड़ रहा है जिसका तैयारियां जोर शोर से भारत और भारत से बाहर भारतीय दूतावासों में चल रहे हैं। 74वा स्वतंत्र दिवस पर भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र दामोदरदास मोदी लालकिला से देश का तिरंगा झंडा फहराएंगे और देश को सम्बोधित करेंगे। इस बार स्वतंत्रता दिवस पर कोरोना महामारी की वजह से थोड़े ही अतिथियों को आमंत्रित किया गया है, उनमें सोशल डिस्टेंसिंग के भी ध्यान रखा जाएगा और दूरी बनाकर बैठने के लिए कुर्सियां लगाई गई है। इस बार स्वतंत्रता दिवस समारोह पर दिल्ली के कोरोनावरियर्स को सम्मान के लिए बुलाया गया है


शायरी


✓ है नमन उन सहिदो को जो ग्लवान में हिम्मत दिखा दिए,
    है नमन उन सहिदो को जो बलवान का मतलब बता दिए,
    जो निहत्थे टूट पड़े दुश्मन पर और भारत का ताकत दिखा गए।

✓ मातृभूमि ये जिसमें समा के दिया
    लिख ये पैगाम को,
    देश को जिसके संतान ने किया अमर भारत 
    नाम को।


✓ लड़ना है तो बोर्डर पे लड़ो,
     पड़ोसी से क्या लड़ना है।
     प्यार करना है तो उस वतन से करो,
     जिस पे सारा हिंदुस्ता कुरवा है।


✓ आओ दोस्तों आज फिर आे मंजर याद कर लें,
     जो शहीदों ने दी थी बलदानी उस ज्वाला को 
     याद कर लें।
     जिसमें लहू की नदियां बहाकर पहुंचाई थी
     आजादी किनारे पर,
     आओ दोस्तों आज फिर ओ दासता याद कर लें।


✓ रौशनी होगी चिरागो को जलाए रखना, 
     इतनी सी बात हवाओ को बताए रखना।
     जिनकी हिफाजत की हमने लहू देकर,
     उस तिरंगे को हमेशा दिल में बसाए रखना।


✓ ना धन चाहिए ना दौलत चाहिए,
    बस प्यार से भरा ये वतन चाहिए। 
    जिंदा हूं इस मिट्टी के लिए,
    मरू तो ख्वाइश है बस एक,
    इस तिरंगे में लिपटा बदन चाहिए।


✓  इस देश से हमारा नाता है,
      गोरे काले का भेद नहीं।
      हमे प्यार निभाना आता है,
      इस  दिल में कोइ भेद नहीं।


✓ शाम ना होने देंगे आजादी की कभी, 
     बदनाम ना होने देंगे कुर्बानी की कभी।
     जब तक बची हो एक भी बूंद लहू के रग मे,
     भारत माता का आंचल बदनाम ना होने देंगे।


 ✓ झुक कर आवो हम उन्हें प्रणाम करे , 
     जिनके नसीब में ये मुकाम आता है ,
     बहुत खुश नसीब होते है वे लोग ,
     जिनका खून वतन के  काम आता है। 


✓ तैरना है तो समुन्दर में तैरो,
    नदी नालों में क्या रखा है।
    प्यार करना है तो हिंदुस्ता से करो,
    इस दुनिया में क्या रखा है।


कुछ नशा मिट्टी की मान का है,
    कुछ नशा तिरंगे की शान है।
    हर जगह लहराए इस तिरंगे को हम ,
    ऐशा नशा हर हिन्दुस्तानियों कि शान का है।

कविता 


पूछो उन मतवालों से कि कैसे मिली आजादी, कि कैसे मिली आजादी।
घर छोड़ा परिवार छोड़ा लगा दी जान से जान की बाजी।

वीरो को अपने परिवार से ज्यादा, पूरे देश की मिट्टी प्यारी थी,पूरे देश की मिट्टी प्यारी थी।
एक पल ना सोचे वे अपना फायदा, हस्ते हस्ते जान अपनी नेवारी थी।

बताओ जरा जमाने को, वीर मतवाले की क्या कहानी है।
जो मिट गए यह कहकर हमारी पहचान तो आजाद हिंदुस्तानी हैं, आजाद हिंदुस्तानी।

भारत मां की आजादी के खातिर वीरों ने ही अपना खून बहाया ।
 उन्हीं वीर सपूतों के सुन गौरव गाथा है सारा हिंदुस्तान हर्षया, है सारा हिंदुस्तान हर्षया।


Perfect & true heart sound by..........A. & S.

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